"शिक्षा का उद्देश्य है, युवाओं को खुद को जीवन भर शिक्षित करने के लिए तैयार करना" मैंने ये उद्धरण बहुत पहले इंटरनेट पे पढ़ा था। आज लग रहा है की ये कितना सटीक है। किसी के जीवन में शायद ही ऐसा कोई पल आता होगा जब वो आराम से बैठ के सोचता होगा की अब मेरे पास, इस दुनिया में सीखने के लिए कुछ नहीं बचा है, मुझे अब सब कुछ पता है, सब कुछ आता है।
शिक्षा सिर्फ कुछ विषय नहीं हैं जो स्कूल में पढ़ाये जाते हैं, शिक्षित होना सिर्फ स्कूल कॉलेज जाने, डिग्रीयां लेने और अपने पे गर्व करने तक सीमित नहीं है। ये तो आजीवन चलने वाले एक अभूतपूर्व और रोमांचक सफर की तरह है, जिस में चलते हुए आप अनेक अनुभव प्राप्त करते हैं और साथ चलने वाले सहयात्रिओं को भी प्रेरित करते चले जाते हैं। लेकिन ये सफर ऐसे ही नहीं चल सकता, इस सफर की पहली सीढ़ी स्कूल ही है जिसके पश्चात् एक के बाद एक सारी सीढ़ियां बनती चली जाती हैं।
लेकिन ये सफर आसानी से और मज़े से कटता जाए उसके लिए बच्चे, अभिभावक और शिक्षक तीनो का एक ही दिशा में सोचना ज़रूरी है। ये समझना ज़रूरी है की बच्चो को ज्ञान के साथ प्यार और आश्वासन की भी ज़रुरत पड़ती है। बच्चों के सम्पूर्ण विकास के लिए उन्हें एक अच्छा माहौल देना ज़रूरी है, जहाँ रचनात्मकता और कल्पना को पंख मिल सकें, जहाँ सवाल पूछने और जवाब ढूंढने की कोई पाबन्दी न हो, जिससे आगे जाकर वो समाज क लिए उपयोगी साबित हों।
सलूजा गोल्ड इंटरनेशनल स्कूल के प्रधानाचार्य, कर्मचारी, छात्र और अभिभावकों को मेरी ओर से हार्दिक शुभकामनाएं की उन्हें ऐसा अवसर मिला जिससे हम और वो, मिल के, इस देश के स्वर्णिम भविष्य को दिशा देने का कार्य करने जा रहे है।
ईश्वर हमें हमेशा सही दिशा दिखाए असीम प्यार और शुभकामनायें
श्री अमरजीत सिंह सलूजा
Chairman, Saluja Gold International School